
कृषि विज्ञान केंद्र सोहना के कृषि विशेषज्ञों की अगुवाई में 5 दिवसीय कार्यशाला का हुआ आयोजन।
आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक वि वि कुमारगंज अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र सोहना में दिनांक 01/07/2025 से 05/07/2025 तक सुगन्धित धान बीज उत्पादन तकनीक विषय पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया इस अवसर पर कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ ओम प्रकाश ने बताया कि फसल लगाने के लिए बीज हमेशा मान्यता प्राप्त श्रोत से ही खरीदना चाहिए एवं प्रजातियों का चयन क्षेत्र की जलवायु एवं मृदा के अनुसार करना चाहिए इस अवसर पर फसल सुरक्षा वैज्ञानिक डॉ प्रदीप कुमार ने बताया कि धान की नर्सरी लगाने से पूर्व ट्राईकोडर्मा से मृदा उपचार करे एवं जीवाणु नाशक दवा स्ट्रैपटोसाइक्लीन 1ग्रा एवं फफूंद नाशक दवा बाविस्टिन 20 ग्राम को 10 ली पानी में मिला कर घोल बनाएं एवं उसमें 8किलो बीज को 24 घंटों तक भिगो कर रखें इससे बीज अच्छी तरह उपचारित हो जाता है प्रसार वैज्ञानिक डॉ शेष नारायण सिंह ने बताया कि जनपद में सुगंधित धान में अधिकतम क्षेत्रफल में कालानमक धान का है यदि किसानों को अधिक लाभ कमाना है तो गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना चाहिए बीज हो या चावल उसकी शुद्धता बनाए रखें।बीज वैज्ञानिक डॉ सर्वजीत ने बताया कि “बीज उत्पादन के लिए ऐसे खेत का चुनाव करना चाहिए जहां सिंचाई, जल निकास, रोग , कीट , की समस्या कम हो तथा मृदा में पर्याप्त पोषक तत्त्व उपलब्ध हो” , सुगंधित धान में नाइट्रोजन फास्फोरस एवं पोटास 100:60:40 के अनुपात में प्रति हेक्टेयर प्रयोग करें एवं नाइट्रोजन के लिए हरी खाद की फसल या दलहनी फसलों को उगाएं हरी खाद से लगभग 70-80 किलो नाइट्रोजन प्रति हेक्टेयर प्राप्त होती है । शेष नाइट्रोज की पूर्ति खलियों में उर्वरक मिला कर करें फास्फोरस को सिंगल सुपर फॉस्फेट के रूप में प्रयोग करें तथा यह भी बताया कि धान में बीज वाली फसल में अन्य किस्मों से 3 मीटर पृथक करण दूरी रखे एवं फूल आने पर तथा बालियां पकने पर फसल से भिन्न पौधों को खेत से बाहर निकाल दें। श्री प्रवेश कुमार ने बताया फसल लगाने से पूर्व मृदा कि जांच करवाना चाहिए इससे मृदा में उपस्थित पोषक तत्वों की मात्रा के बारे में जानकारी प्राप्त होती है तथा यह भी बताया प्रति हेक्टेयर 10 -12 टन गोबर की खाद प्रयोग करें उद्यान वैज्ञानिक डॉ प्रवीण कुमार मिश्र ने बताया कि बीज वाली फसल की कटाई पूर्णतः पकने पर करे कटाई एवं मणाई के समय भौतिक शुद्धता को बनाए रखने के लिए विशेष ध्यान रखें। प्रशिक्षण में कमलेश चौरसिया, राकेश चौधरी,अनिल यादव , मोहम्मद नईम,लवकुश मौर्य, पंकज विश्वकर्मा इत्यादि ने प्रतिभाग किया।

